The Virtues Of Laziness
Friday 27 September 2013
मेरे जज्बात तुम्हारे आंसू
उसकी घुंघराले लटें गालों को चूमती हुई,
हवा में फिर वही खुशबु तैरती हुई ,
धडकनें में आज फिर वही बेचैनी है,
एहसास हो रहा है वो मेरे करीब है।
Saturday 21 September 2013
अनकहे जज्बात अनसुनी आरजू
कभी मोती कभी दरिया ये तेरे आँसू ,
कुछ कह गई मुझसे ये तेरी आँखें ,
लब्जों की जरुरत तुझे हुई ना मुझे ,
तेरे आंसुओं में खोए हुए मेरे थे आँसू ।
Newer Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)